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Saturday, June 6, 2015

बुड्ढे का जवानी


रोज सुबेरे चौराहे पर जाकर स्कूल जाती लड़कियों को चोदने के लिए ललचाती नजरों से देखते और फिर कोई हिंट न मिलने से उदास होकर धोती में लटकता लंड लेकर वापस चले आते। बुढौती का सहारा डंडा अब खड़ा नहीं होता है। तो क्या हुआ, मन तो चंचल है और बच्चा भी, इसका बुढापा नहीं आता और इस कदर से बुढापे में लौड़ा की छीछालेदर होने से बचाने के लिए कोई ना कोई उपाय तो करना ही पड़ेगा।


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