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Tuesday, June 9, 2015

सेक्सी मौसी की चुदाई भाग-2

सेक्सी मौसी की चुदाई भाग-2 

अगले भाग से आगे........... मैने मौसी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा मौसी ने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर रखा और मेरा लंड दबा दिया. मैं समझ गया.मैने एक झटका मारा तो मेरा लंड उनकी चूत में पूरा चला गया.फिर मैं धीरे धीरे .मौसी की चुदाई कर रहा था तो मौसी बोली की जाआअन ज़ूर्र्रर सीए करो नाआहीी.मैं फिर ज़ोर से धक्के लगाने लगा मौसी भी अपनी कमर उठा उठाकर मुझसे चुदवा रही थी.
मौसी की चूत ने फिर से पानी छ्चोड़ दिया.मैने ये महसूस किया तो मैने दो उंगली चूत के पानी से भीगोकर मौसी की गांद पर रख दी.जिससे उनके हिलने से उंगलिया अंदर बाहर होने लगी.मौसी ने शायद कभी गांद नही मरवाई होगी. इसलिए वो बार बार मेरी उंगली को हटा देती थी.45 मिनट. के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हू मैने मौसी की चुदाई की स्पीड और बढ़ा दी.मेरे साथ साथ मौसी भी एक बार एक झाड़ गयी मौसी बोली इस चुदाई में मैं कम से कम 6 बार झड़ी होगी.

मैं अपना लंड चूत में डाले हुए मौसी पर गिर गया.मौसी मुझे चूमने लगी और कहने लगी जान जैसा आज चोदा है वैसे रोज़ क्यो नही चोद्ते हो.तब मैं किस करता हुआ बोला मेरी प्यारी मौसी डार्लिंग आज से पहले तुमने मुझे मौका दिया ही कहा था.ये सुनना था कि मौसी एक दम चौक गयी और बोली तेरे मौसा जी कहा है.
मैने कहा मौसी वो तो सो रहे है इतनी देर से मैं ही आपकी चुदाई कर रहा था मौसी जान.मौसी मुझे अपने से अलग करने लगी. लेकिन मैने मौसी को छ्चोड़ा नही.मैने कहा आप बहुत नमकीन हो मौसी,दिल करता है कि आपको चोद्ता ही रहू. ये कहते हुए मैं फिर से मौसी की चूत में उंगली करने लगा और उनके बूब्स को दबाने लगा.
मौसी को भी मेरी चुदाई अच्छी लगी थी इसलिए मान गयी. और कहने लगी कि चल बदमाश कैसे हो गया ये सब?? तभी मैं कहु की आज तेरे मौसा को क्या हो गया है जो इतनी देर से चोद रहे है मुझे.बहुत मज़े दिए तूने आज कुश.मैने सब बता दिया मौसी को कैसे हुए ये सब.
रात को मौसी की चुदाई करने के बाद मौसी और मैं दोनो नंगे लिपट कर ही सो गये थे.सुबह 6 बजे मेरी आँख खुली तो मैं मौसी की मस्त भरी जवानी देख रहा था.मैं बाथरूम गया और वापस आकर मैं मौसी की टांगे फैला कर अपना लंड मौसी की चूत के उपर रखकर एक जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लंड मौसी की चूत में चला गया और मौसी इस धक्के से जाग गयी.
मौसी ने मुझे अपने उपर देखा तो कहने लगी कि दिल नही भरा क्या कल रात की चुदाई करके.
मैने कहा मौसी तुम हो ही इतनी मस्त माल की दिल ही नही भरता तुम्हारी चुदाई करके.
मुझे मालूम था की मौसा जी सुबह लेट ही उठेंगे कयौकी मैने 4 नींद की गोली जो दी थी,इसलिए मुझे कोई डर नही था.
मैने मौसी को फिर से चुदाई की. मौसी बहुत खुश नज़र आ रही थी.चुदाई करने के बाद मैं फिर से सो गया.
सुबह मेरी लेट आँख खुली तो मैने देखा कि मौसी जी किचन में ब्रेकफास्ट बना रही थी,मौसा जी भी आज लेट उठे थे.मैने दोनो को गुडमॉर्निंग कहा तो दोनो ने भी मुझे गुडमॉर्निंग कहा.मैं फ्रेश होकर तैयार होकर आया.
और हम तीनो साथ में बैठकर ब्रेकफ़ास्ट करने लगे और बाते भी करने लगे.दिन के टाइम जब भी मौसा जी का ध्यान इधर उधर होता तो मैं मौसी की चुचिया दबा देता या उनकी चूत को मसल देता.
आज मौसी ने गाउन के नीचे ब्रा पॅंटी भी नही पहनी हुई थी तो इसलिए जब वो चलती तो उनकी चुचिया उपर नीचे होती तो बहुत अच्छी लगती ,दिल करता कि मौसा के सामने ही मौसी की चुदाई कर दू.
ऐसे ही पूरा दिन बीत गया और रात हो गयी.रात को सोते टाइम मैं पहले जाकर सो गया क्यौकि मैं मौसा और मौसी की चुदाई का जल्दी से आनंद लेना चाहता था.12 बजे के बाद मौसा मौसी की चुदाई करते रहे और मैं उन्हे देखकर मूठ मार कर सो गया.
अगले दिन जब मैं उठा तो मौसा जी घर पर नही थे और मौसी जी किचन में थी.मैने गुडमॉर्निंग कहा और मौसा जी के बारे में पूछा तो मौसी ने कहा की आज उन्हे ऑफीस जल्दी जाना पड़ा.
ये सुनकर मेरा 8″ का लंड खड़ा हो गया.मैंन अंडरवेर पहना हुआ ही मौसी के पीछे गया और पीछे से ही उनके बूब्स पकड़कर दबाने लगा.
मौसी बोली कि कुश जान आज तो पूरा दिन पड़ा है अभी तू क्यो बेचैन हो रहा है.मैने कहा कि मौसी जान अब सब्र नही होता तुम तो मौसा से रात को चुदवा ली हो लेकिन मेरा बुरा हाल हो रहा है.
मैने उनके कान के नीचे चूमा और कान में कहा कि मौसी अपनी जवानी का स्वाद पहले क्यो नही चखाया मुझे. मौसी कुछ ना बोली.मौसी कुछ समान लेने के लिए नीचे झुकी तो मैने मौसी का गाउन नीचे से उठा दिया,
जिससे उनकी गांद नंगी हो गयी.मौसी ने आज भी पॅंटी नही पहनी थी,मुझे पीछे से मौसी की चूत दिखाई दी तो मैने अपना लंड बाहर निकालकर मौसी की चूत पर रगड़ा.मौसी के मूह से आआहह निकल पड़ा और बोली कि यही चुदाई करेगा क्या.
मैने कहा कि तुम अपना काम करो मुझे अपना करने दो,मैने मौसी का गाउन उतार दिया तो उन्होने ब्रा पहना हुआ था मैने मौसी के ब्रा के हुक खोले और मौसी की चुचिया पकड़कर दबाने लगा और मैने मौसी की टांगे थोड़ी सी फैलाई और अपना खड़ा लंड मौसी की चूत पर रखकर और एक जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लंड मौसी की चूत में चला गया.
मैं मौसी की चुचियो को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था.मौसी मुहसे आआआहाआ उः कह रही थी.और बोली कि कुश डार्लिंग आउउर जजूर्र्र सस्स्ससी डाल आपना लुउन्ड मीरीईइ चुट्त म्मीईईइन. फ़फफाड़ डाल मेरि कककछूट बाहहुउट पारीशान कारतती हाआइ.मौसी 2 बार झाड़ चुकी थी लेकिन मैं अभी झड़ने के मूड में नही था.

मैं मौसी की कमर पकड़कर जोरदार चुदाई कर रहा था.मौसी की चूत का पानी मेरे लंड को भिगो रहा था जिससे मेरा लंड मौसी की चूत में बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था.मैं चुदाई करते हुए मौसी की गांद देख रहा था बड़ी मस्त लग रही थी.
मैने मौसी की चूत का पानी उंगली पर लेकर मौसी के गांद के छेद पर रखी. मौसी मस्ती से चुदवा रही थी इसलिए कुछ नही बोली.
मैने अपनी उंगली मौसी की गांद में डाल दी.तभी मौसी के मुँह से उउउइइ निकला और बोली कि क्या कर रहा है कुश.मैं बोला मौसी तुम्हारे इस छेद की भी सेवा कर रहा हू.
मौसी बोली आगे वाले छेद से दिल नही भरा क्या जो पीछे वाला छेद के पीछे पड़ा है.मैने कहा मौसी तुम्हारे जिस्म के सभी छेद मुझे बहुत पसंद आ रहे है.
सभी की सेवा करने का दिल कर रहा है.ये कहते हुए मैं एक दम झाड़ गया. मौसी एक बार फिर से मेरे साथ साथ झाड़ गयी, हम दोनो इस चुदाई से बिल्कुल पसीने से भीग गये थे.मैने मौसी की नंगी पीठ पर किस किया.
फिर मैं जाकर फ्रेश हो गया.और नंगा ही घर में घूमने लगा.मौसी ब्रेकफास्ट लगाने लगी और मैं बैठकर मौसी को देख रहा था,मौसी भी ब्रेकफास्ट करने के लिए बैठने लगी तो मैने उनका हाथ खिचकर अपनी गोदी में बिठा लिया जिससे मेरा लंड खड़ा हो गया और मौसी की गांद पर दस्तक देने लगा.
मौसी बोली कि तेरा ये नाग फिर से खड़ा हो गया है.इसे शांत कर,मैने कहा मौसी ये नाग तो तुम्हारे बिल में जाकर ही शांत होगा.
मैने मौसी के गाउन को नीचे से उठाया और मौसी ने मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया.फिर हम ऐसे ही बैठकर ब्रेकफास्ट करने लगे और चुदाई भी.
ब्रेकफास्ट करने के बाद मौसी नहाने जाने लगी तो मैने कहा कि मौसी मैं भी नहाउँगा आज तुम्हारे साथ तो मौसी हसणे लगी और मैं भी उनके साथ बाथरूम में घुस गया.
मैने मौसी का गाउन उतारा और कहा कि मौसी आज मैं नहलाउँगा तुम्हे.मैने भी अपना अंडरवेर उतार दिया.
मैने मौसी को शवर के नीचे खड़ा किया और फिर अपने पीछे बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया. मौसी ने अपने आपको शवर के नीचे रख कर अपने हाथों को दीवाल से टीका दिया,मैं ठीक उनके पीछे खड़ा था और अपने हाथ मे साबुन और एक छ्होटा तौलिया लिए अपने मौसी को साबुन लगाने के लिए खड़ा था.
“मैं कहा से शुरू करूँ?” मैने मौसी से पूछा”मेरे हाथ,” मौसी बोली, “ठीक जैसे तुम अपने हाथों पर साबुन लगाते हो, वैसे ही मेरे हाथों पर साबुन लगाओ.”
मैने छ्होटे तौलिया पर साबुन लगाया और मौसी के हाथों को साबुन लगा कर धोना शुरू कर दिया.
मैने पहले हाथों पर साबुन वाला तौलिया मला, फिर कंधों पर फिर बगल मे और फिर पीठ पर साबुन से मला और फिर साबुन को पानी से धो दिया. फिर मैने मौसी को घुमा कर खड़ा कर दिया. और साबुन को पानी से धोने लगा. मैं अपने आपको मौसी से चिपका कर खड़ा था और हाथों को पीछे ले जाकर साबुन को पानी से धो रहा था.
मेरा खड़ा लंड मौसी के पेट मे चुभ रहा था, मौसी की चूंची मेरी छाती से रगड़ रही थी. मेरा हाथ अब मौसी के चूतर के ऊपेर घूम रहा था और फिर मैने मौसी के चूतर पकड़ कर मौसी को अपने आप से चिपका लिया.
मौसी के हाथ भी मेरे गले के दोनो तरफ थे और वो भी मेरे से अपने आप से चिपका कर खड़ी थी. “ओह्ह्ह, कुश…” मौसी धीरे से फुसफुसा कर बोली.”ष्ह्ह्ह,” मैं धीरे से बोला, “फिर से घूम जाओ और मैं अब तुम्हारे सामने साबुन लगाउँगा.”
मैं थोड़ा पीछे हटा और मौसी घूम कर खड़ी हो गयी और फिर से अपने हाथों को दीवार से टिका दिया. मैने फिर से साबुन वाला तौलिया उठा कर पीछे से मौसी के पेट पर मलना शुरू किया और धीरे धीरे अपने हाथों को ऊपेर ले जाने लगा और थोड़ी देर के बाद मेरे हाथ मौसी की चूंची पर थे जिनको मैने साबुन लगा लगा कर धोना शुरू कर दिया.
मौसी ने भी झुककर अपने चूतर मेरे लंड से लगा दिए और उसकी ठोकर अपने गंद के छेद पर महेसुस करने लगी.”ओह्ह्ह कुश,”
मौसी धीरे से बोली, “तुम अपनी मौसी की कितनी सेवा कर रहे हो,मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.”
मौसी ने अपनी गंद को फिर से मेरे लंड से रगड़ा और उसके धक्के अपनी गंद की छेद पर महसूस करने लगी. अब मैं थोड़ा पीछे हट गया. “अब मैं आपकी पैर और पीछे साबुन लगा कर सॉफ करूँगा,” मैं धीरे से बोला और मौसी के पीछे बाथरूम में अपने घुटने के बल बैठ गया.
मैने फिर से छोटे तौलिया पर साबुन लगाया और पहले मौसी के पैर के पंजे, फिर पैर के पिंडली और जांघों पर साबुन मला और धीरे धीरे मैने अपना हाथ मौसी की झांतों से धकि चूत तक ले गया.
फिर मैं मौसी की चूत पर साबुन मलने लगा. “मौसी अपना एक पैर थोड़ा उठा कर टब के ऊपेर रखो और थोड़ा सा सामने झुक जाओ, प्लीज़. मुझे इससे तुम्हारे चूतर में साबुन लगाने मे आसानी होगी,” मैं अपनी मौसी जान से बोला.
मौसी ने ठीक वैसे ही किया जैसा कि मैने कहा और झुक अपने पैरों के बीच से मेरा तन्नाए हुए लंड को देखने लगी.
मौसी देख रही थी कि मैने फिर से छोटे तौलिया मे साबुन लगाया और अपने हाथों से मौसी के चूतरों पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. फिर मैने मौसी के चूतरों को साबुन लगा करके मौसी की गांद के छेद पर भी साबुन लगाया. मैं साबुन मौसी की गांद की छेद पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ रहा था. अब मैने अपने हाथों में साबुन लगा कर मौसी के गांद के छेद पर लगा कर धीरे से दबाया और अपनी उंगली गंद के अंदर कर दी.
“ओह्ह्ह्ह…कुश जान,” मौसी चीखी, “तुम मेरे साथ क्या कर रहे हो?”
“मौसी,मैं सिर्फ़ ये देख रहा हूँ कि आपका पीछे का छेद बिल्कुल सॉफ है कि नही” मैं अपनी मौसी से बोला और अपनी उंगली को और थोड़ा सा अंदर कर दिया. मौसी हल्की सी कसमसाई. मैने अपनी उंगली निकाल ली, लेकिन फिर से अपनी उंगली मौसी की गांद में घुसेड दी और धीरे धीरे अपनी उंगली मौसी की गांद मे अंदर बाहर करने लगा.
मैं अब झुककर अपनी मौसी के पैरों के बीच से देखने लगा कि मौसी के होंठ खुले हुए है और आँखें बंद हैं.
“मौसी, तुमको अच्छा लगा,” मैने धीरे से पूछा. “एम्म्म…तुम अपनी मौसी के शरीर की सफाई बहुत अच्छी तरफ से कर रहे हो.

अपनी उंगली को थोडा और अंदर करो.” मैने अपनी उंगली पूरी की पूरी मौसी की गांद मे घुसेड दी और मौसी के मुँह से हल्की सी चीख निकल गयी.
मैं अपना चहेरा उठा कर अपनी मौसी को देखने लगा और देखा कि मौसी की गोल गोल चूंची उसके उंगली के हर धक्के के साथ हिल रही है.
मौसी की सांस अब उखड रही थी और वो अपने चूतर को मेरे हर धक्के के साथ पीछे को थेल रही थी. एकाएक मैने अपनी उंगली मौसी की गांद मे से निकाल ली और साथ साथ मौसी के मुँह से एक आहह! निकल गयी.”ओह्ह्ह्ह…कुश…तुम अपनी मौसी के शरीर को सॉफ कर चुके?””नही अभी पूरा सफाई नही हुई है,” मैं बोला और अपने साबुन लगे हाथ को मौसी की नंगी और खुली चूत पर मलने लगा.
“मुझे तुम्हारी ये जगह भी साफ करनी है. क्या तुम अपनी चूत गंदी रखना चाहती हो?” मेरा हाथ अब मौसी की चूत के चारों तरफ सफाई करने के लिए घूम रहा था. जैसे ही मैने मौसी की चूत के होंठों को अपने उंगलिओ से फैलाया और अपनी दो उंगलियो को मौसी की चूत के अंदर डाला तो मौसी ओह्ह! आहह! ष्ह्ह! की आवाज़ें करने लगी.
“ओह्ह्ह्ह कुश, मेरी की चूत को अच्छी तरफ से और सही तरीके से साफ कर दो,” मौसी के मुँह से फिर एक बार किल्कारी निकल गयी जब मैने अपने अंगूठे और एक उंगली से उसकी चूत की घुंडी को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया.
अब मेरी उंगली मौसी की चूत के अंदर तक पहुँच रहा थी और वो मैं मौसी की चूत मे डाल कर घुमा रहा था और धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था और कभी अपनी उंगली रोक कर देख रहा था कि कैसे मेरी उंगली को मौसी की चूत के होंठ जाकड़ कर पकड़ रहे है.
एकाएक मौसी अपनी पीठ को मोड़ कर अपनी गार्डेन तान ली और अपना सर पीछे करके शवर का पानी अपने मुँह पर लेने लगी.
मौसी के मुँह से हल्की चीख निकल गयी और उसके घुटनो ने जबाब दिया और मौसी अपने आपको टब के सहारा लेकर खड़ी हो गयी और फिर बैठ गयी.
मैने अपने हाथों से मौसी को जाकड़ लिया और अपने हाथों से उनकी चुन्चेओ के निपल को मलने लगा. थोरी देर तक दोनो वैसे ही बैठे रहे और फिर मैं मौसी से बोला, “मौसी तुम ठीक तो हो?’ या मैं तुम्हारे बालों को भी धो दूँ?”
मौसी धीरे से मुस्कुरा दी और कंधों के बगल से मुझ को देखते हुए बोली, “हाँ तुम मेरे बालों को भी धो दो, तुमने तो मेरी सारी चीज़ धो दी है. तुमने अपनी मौसी को बहुत तंग किया और मज़ा भी दिया.” “तंग नही किया. हाँ मज़ा दिया.” मैने मौसी से हंसते हुए कहा. “अब तुम नीचे बैठो और मैं टब के ऊपेर बैठता हूँ. मैं शवर बंद कर देता हूँ और हाथ वाला शवर लेकर आपके बालों को धो देता हूँ.”
मौसी खड़ी हो गयी और मैं टब के किनारे बैठ गया और फिर मौसी से बोला, “आप अपने घुटने के बल बैठ जाएँ जिससे मुझको आपके बालों को धोने मे आसानी रहेगी.”
मैं घूम कर शॅमपू की बोतल और हाथ वाला शवर लिया और मौसी अपने घुटने के बल बैठ गयी. जब मैं घूम करके फिर से बैठा तो मेरा मोटा ताज़ा और तन्नाया हुआ लंड ठीक मौसी के मुँह के सामने कुछ इंचों की दूरी पर था.
मैने हाथ वाले शवर से मौसी के बालों को पूरी तरफ से भीगा दिया और फिर उसपर शॅमपू गिराया और अपने हाथों से शॅमपू मलते हुए ढेर सारा झाग पैदा करके मौसी के बालों को धोना शुरू किया.
मैने झुक कर मौसी की गर्देन के पास के बालों को शॅमपू से धोना शुरू किया, लेकिन ऐसा करके वक़्त मेरा लंड मौसी के होंठों से छूने लगा. मौसी ने अपने होंठों को खोला और लंड के सुपरे का थोड़ा सा हिस्सा अपने मुँह मे ले लिया.
मौसी नेअपनी जीव से मेरे लंड से रिसते हुए पानी को हल्के से चॅटा. मौसी ने अपने पीछे मेरा हाथ महसूस किया
मैने मौसी का सर पकड़ के अपनी तरफ थोड़ा से खींचा और अपना लंड थोड़ा सा और मौसी के मुँह मे घुसा दिया और फिर मौसी का सर छोड़ दिया.
मौसी ने अपना सर थोडा और आगे किया और मेरा तना हुआ लंड और थोड़ा अपने मुँह के अंदर ले लिया. फिर अपने होंठों को सिकोड कर मेरा लंड अपने मुँह से निकाली और अपनी जीव मेरा लंड के छेद पर रख कर घुमाना शुरू किया.
मौसी नेअपने भानजे की तरफ देखते हुए अपनी जीव से लंड के सुपरे को चाटना शुरू किया. मैने अपनी कमर चलाना शुरू किया और अपना लंड मौसी के मुँह के अंदर बाहर करने लगा. धीरे धीरे मेरा शरीर ऐंठने लगा और मैं फिर से झार गया. झटकों के साथ मेरा वीर्य मौसी के मुँह पर गिरने लगा और मौसी का मुँह भरने लगा.
मौसी की सांस फूलने लगी और वो गाटा गट मेरे सारे वीर्य को पीने लगी. कुछ थोड़ा वीर्य मौसी के होंठों से निकल कर मुँह से छूने लगा.
मौसी फिर से मेरे वीर्य को पी गयी. मैं टब के किनारे बैठा रहा और मौसी ने अपना सर मेरे घुटने पर रख दिया और मैने अपने हाथों से मौसी के बालों को सहलाने लगा. थोरी देर के बाद मैं उठ कर खड़ा हो गया और अब मेरा झारा हुआ लंड उसके दोनो पैरों के बीच लटक रहा था. मैने झुककर अपने मौसी को उठाया और मौसी को खड़ा कर दिया और उसको देख देख कर मैं मुस्कुराने लगा.
देखा भाई लोगो एक तो मौसी को चोद दिया फिर अपने लंड का पानी भी पीला दिया उसके बाद भी मौसी को देखकर मुस्कुरा रहा है यानी अभी और धमाल होना बाकी है
फिर मैं सूखा हुआ तैलिया लेकर आया तो मौसी अपने हाथों को ऊपेर किया जिससे कि मैं उनको तौलिया से पूछ सकु. हाथ उठाने से मौसी की चूंचिया भी ऊपेर उठ गयी और ये देख कर मैने झट से अपना सर नीचे किया और मौसी की एक चूंची और उसका निपल अपने मुँह मे भर कर चूसने लगा.
“ओह्ह्ह कुश,” मौसी बड़बड़ाई, “तुम ये कैसा मज़ा दे रहे हो मुझे.आज तक मैं इस मज़े से अंजान थी.मेरे साथ पहले ऐसा कभी नही हुआ.आज भी तूने मुझे जन्नत के नज़ारे करा दिए है.मेरे साथ रोज़ ऐसा ही करा कर जब तेरे मौसा घर पर ना होया करे.
“ठीक है मौसी,” मैं अपनी मौसी की चूंची पर से अपना मुँह हटाते हुए बोला,लेकिन मेरी उंगली अभी भी मौसी की रिस्ती हुए चूत से खेल रही थी और धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था. फिर मैने अपनी मौसी से कहा, “मौसी जी क्या मौसा जी तुम्हारे साथ अच्छी तरह से चुदाई नही करते है क्या?”मैं बोला
मौसी जान जब तक मैं यहा हू तब तक मैं आपकी और आपकी चूत की तन मन से सेवा करूँगा, इतना कहकर मैने मौसी की निपल को हल्के से काटा और अपनी उंगली जितना जा सकती है उतनी मौसी की चूत मे घुसेड दी. “उहग्ग्ग,” मौसी हल्के से चीखी और अपना हाथ मेरे कंधों पर रखती हुई बोली, “बदमाश तेरे को सब पता चल गया है कि तेरा मौसा बस मुझे ऐसे ही चोद्ता है.
कभी कभी तो पूरे कपड़े उतारे बिना ही चुदाई करता है.मेरा भी दिल करता है कि मुझे भी कोई प्यार से चुदाई करे.मैं तब धीरे से पीछे हट गया और मौसी की चूत से उंगली निकाल कर अपने मुँह मे डाल दी और अपनी उंगली चूस्ते हुए मुस्कुरा कर अपने मुँह से “म्*म्म्मम,” की आवाज़ निकाली.

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