तब मेरी उम्र 19 की थी और मैं प्लास्टिक इंजीनियरिंग के दुसरे वर्ष में था. मेरे डेड की ब्रा पेंटी की दुकान है और हम लोग हमारे शहर में ब्रा पेंटी की ब्रांडेड चीजे रखने के लिए बहुत फेमश है. दुकान पर डेड के अलावा एक नौकर बिरजू रहेता था जो एक ज़माने में मेरे साथ 10 कक्षा तक पढ़ा था. मैं भी अक्सर दुकान पर बैठता था और वेकेशन में तो आँखे सेकने के लिए मेरी दुकान से अच्छी जगह नहीं थी जहाँ पर मस्त मस्त लड़कियां. भाभियाँ और आंटियाँ अपने चुन्चो और चूत के कपडे लेने आती थी. गर्मी के दिन थे और डेड दोपहर को मुझे दुकान सौंप के घर सोने गए थे. मेरी कोलेज की छुट्टियां थी इसलिए में पूरी दोपहर दुकान पर बेठता था. बिरजू और मैं अक्सर आती हुई सेक्सी भाभियों के चुन्चो और गांड को देख चक्षुचोदन कर लेते थे.
दोपहर का वक्त था करीब तिन बजे का, सड़के गर्मी के चलते सुमसाम थी तभी बहार एक स्कूटी की ब्रेक लगी और एक मस्त गर्म भाभी दुकान में घुसी. उसकी उम्र होगी करीब 26 के करीब. बड़े स्तन और तरबुच के जैसे कूले. वोह अन्दर आई और बोली आपके पास 34 की साइज़ की अच्छी ब्रा है. मैंने कहाँ मेडम ब्रा हैं ना किसके लिए चाहिए….वोह मेरे तरफ कतराते हुए नजर करके बोली, आफ कोर्स अपने लिए….
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