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Thursday, April 23, 2015

आदत से मजबूर था,हर पल याद आये बुर का


आदत से मजबूर था,हर पल याद आये बुर का 

वैसे तो मैं और मेरी चाची ज्यादा बात नहीं करते. एक बार जब मेरे माँ डैड कुछ समय के लिए पापा के साथ किसी काम से बाहर गये थे. तो मुझे मेरी चाची के घर रुकना पड़ा. मेरी चाची है तो बड़ी सेक्सी, उनके बड़े-बड़े बूब्स देखकर मेरा सेक्स करने को मन हो जाता है. वो हमेशा बड़ी नैक वाली लूज स्लीव का ब्लाउज पहनती है. जिससे मुझे बार-बार उनके बूब्स दिख जाते है.उनकी गांड भी बहुत बड़ी है. मैं हमेशा से ही उनको चोदना चाहता था और मेरे पास उनकी एक फोटो थी, जो मैंने नहाते टाइम ली थी. उसमे वो पूरी नंगी थी और मैं उसे हमेशा देखा रहता और मुठ मारता.एकबार घर पर कोई नहीं था. बस हम दोनों और उनकी २ साल की बेटी थी. जब तो किचन में थी. तो मैंने उनसे कहा.मैं – चाची, मेरे लिए खाना ले आओ.चाची – अभी ले, थोड़ी देर में.
मैं बहुत देर तक वेट करता रहा. फिर मैं बाहर गया, तो मुझे अहहः आहाहा जैसे कुछ आवाज़ आई. तो मैंने देखा, कि वो बाथरूम में बैठी थी और डोर बंद था. मैंने कीहोल से देखा, कि वो अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी.
मैं वहां से अपने रूम में वापस चले आया.

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