बबलू ने बनाया अपने बहन को रंडी,देसी हॉट कहानी
सरिता जवान हो गई थी लेकिन उसके बाप की बेहाली और जुआरी होने के चलते उसके रिश्ते में अडचने आती थी. 18 साल की हुई तब से सरिता कभी से लंड के सपने देखने लगी थी लेकिन उसका यह सपना बस सपना ही बन के रह गया था. चोदना तो वह कब से चाहती थी लेकिन उसके नसीब की चुदाई शायद रूठी हुई सी थी. दिन, महीने, साल ना जाने कितना लम्बा इन्तेजार था. आखिरकार सरिता तंग आ गई, कोलेज मैं तो उसे बॉयफ्रेंड वगेरह से चुदाई का डोज़ मिल जाता था साल में 5-6 बार लेकिन पिछले साल उसकी पढाई भी खत्म सी हो गई थी. सरिता चुदाई के लिए बेताब थी, उसे एक लंड चाहियें था जो उसकी चूत के अंदर की दीवारों को ठोके, वो होंठ चाहियें थे जो उसके चुंचे के उपर चुम्मी ले और वो हाथ चाहियें थे जो उसकी गांड को दबाये. सरिता की बेचेनी बढती गई और उसकी चूत चोदने को तरसती रही.
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