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Tuesday, April 28, 2015

छोटे को किया बड़ा

छोटे को किया बड़ा 

मेरा नाम रत्ना है. मेरी ऐक दोस्त आंजी ने मुझे अपनी इन्सेस्ट की कहानी बताई की वो अपने भाई के साथ सेक्स करती हे. उस ने मुझे इतना उत्तेजित कर दिया की हर वक़्त अपने और अपने भाई रमेश के साथ ख़यालो मे सेक्स करने लगी. मेरा भाई मुझ से 2 बरस छोटा हे. बस हम 2 ही बेहन भाई हैं. जब रमेश सामने आता तो मेरी नज़र उस की पैंट पे रहती. में ने कई बार रात को उठ कर उसके रूम के अंदर विंडो से झाँका भी के शायद वो मुझे नंगा नज़र आ जाए मगर नहीं आया. एक दिन में किसी काम से सुबह-सुबह उस के रूम में गई. रूम में खूब दिन की रोशनी थी और वो बेख़बर सो रहा था. मैने ने ऐक ज़बरदस्त सीन देखा उस का पाजामा बिल्कुल ताना हुआ था जैसे टेंट ताना होता है. में खामोशी से धीरे धीरे उस के पास गई और हिम्मत कर के उस की ज़िप आहिस्ता-आहिस्ता खोल दी. वाह क्या चीज़ हे उस के पास.


 उस का लंड बिल्कुल पिंक था और चमक रहा था लंबा और मोटा. मेरा मन तो बहुत चाहा मगर में उस के जागने के डर से डर गई.
बस देखा मगर हाथ नहीं लगाया. उस की ज़िप खुली ही छोर कर अपने रूम में भाग आइी. मगर उस दिन मैने बड़ी बेदर्दी से अपनी चूत मे उंगली की.
 अब मुझपे उस का भूत सवार हो गया. में रोज़ प्लान सोचती के उसको कैसे पटाऊं और खुद ही रिजेक्ट कर देती. कुछ समझ में नहीं आ रहा था की क्या करूँ. मेरी लेज़्बीयन पार्ट्नर आंजी भी अपने गाँव गई हुई थी. कॉलेज की छुट्टियाँ थी. आंजी से सेक्स किए भी बहुत दिन हो गे थे. में पियासी भी बहुत थी. बस सोचती किसी तरह रमेश से चुद्वाऊ. ऐक दिन प्लान सूझा, माँ अपनी दोस्त के घर गई थी और उनका पता था की वो शाम को आएँगी मैं और रमेश घर पेर थे. रमेश हॉल में टीवी डैख रहा था. मैं जल्दी से अपने वॉशरूम में गई. कपरे उतरे और बाथिंग टवल बाँध लिया. जैसे मैं बात की तैयारी कर रही थी. फिर तोड़ा सा शॅमपू और पानी फ्लोर पेर गिरा दिया और में फिसल गई. और ज़ोर से चीखी के हाई मैं मेर गई.
रमेश फॉरन भाग कर आया. पूछा क्या हुआ. मैने कहा मैं फिसल गई हूँ मेरी बॅक इंजूर्ड है और हिप बोने भी. उस ने मुझे अपने आर्म्स मैं उठा लिया और बेड पेर लिटा दिया. मैं उल्टी लेट गई और मैने कहा रमेश कुछ करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मेरे इयोडीक्स लगा दो. बात टवल मेरा बँधा हुआ था. वो इयोडीक्स तो उठा लाया मगर फिर क्या करे यह सोच मे पर गया. मैने उसको डांटा, की मैं मर रही हू और तुम चुप खरे हो. मलो ना इसको. उस ने बड़े हिचकिचा कर मेरी कमर से बाथ टवल हटाया और मेरी कमर पे इयोडीक्स मलने लगा. देर तक वहाँ माल्ता रहा. फिर मैने उस से कहा और नीचे,
 फिर और नीचे केरते केरते मेरा बाथ टवल पीछे से सारा खुल गिया. जब वो मेरे हिप्स पेर इयोडीक्स माल रहा था तो मैने अपनी लेग्स खोल दिए ताकि वो अच्छी तरह देख ले. और मैं ऐसे सो गई जैसे मुझे बड़ा रिलीफ मिला हो. वो देर तक मेरी कमर और मेरे हिप्स माल्ता रहा फिर उस ने ऐहीस्ता से मेरी लेग्स को और खोला. उस ने थोरा थोरा कर के मेरी लेग्स बिल्कुल फैला दी फिर जब उसको इतमीनान हो गिया के मैं बेख़बर सो रही हौं तो उस की उंगलियाँ लिमिट्स क्रॉस केरने लगी. पहले मेरी गाँर को टच किया. ऊपर से हाथ आता और मेरी गाँर छ्छू कर चला जाता. वो कमर हिला कर यह भी देखता की मैं जाग तो नहीं गई हू. मैं सोती बनी रही, दम साढ़े पारी रही. फिर हाथ आगे तक बढ़ने लगा और मेरी चूत पे उंगली आने लगी. मैं बुरी तरह गीली हो गई थी. चूत टपक रही थी. मगर मैं सोती बनी रही.
 अचानक वो मेरे ऊपर आ गया और अपनी एक लेग एक तरफ और दूसरी मेरे दूसरी तरफ रख ली और मेरी कमर को मलने लगा. मगर मुझे गरम गरम गोस्त अपने हिप्स पेर टच करता हुआ महसूस हुआ उस के हाथ का हर मूव मुझे हिप्स पेर टच केरता. उस ने अपना लंड बाहर निकल लिया था. वो मेरे ऊपेर आकेर मेरी कमर को मल रहा था मगर साथ साथ अपना लंड भी मेरी गाँर पे टच कर रहा था.

पहले उस का लंड मेरी गाँर पे टच कर रहा था फिर उस ने 2 पिल्लो उठा कर मेरे नीचे रख दिए. अब फिर कमर मलने लगा. अब उस का लंड मेरी चूत पे रगर रहा था. जब वो कमर पे हाथ ऊपर की तरफ लाता तो उसका लंड आगे आजाता और मेरी चूत पे रगारता. उस के ब्लोस मेरी चूत पे महसूस हो रहे थे मेरी चूत बुरी तरह गीली हो गई थी. बल्कि बह रही थी. ऐसे ही एक ब्लो पे मैने अचानक बॅक जर्क दिया और उसका डिक हेड मेरी चूत मैं घुस गिया. मैं दर्द के मारे चीख परी और हाथ बढ़ा कर उस का लंड पकर लिया. वो बहुत घबरा गिया. हाथ जोरने लगा. मैने उसको पॅसिफाइ किया. उस दौरान मैं उसका लंड पकरे रही और अपनी उंगली से उस के कैप को सहलाती रही. उसका लंड पहले कुछ सॉफ्ट हो गिया था फिर से हार्ड हो गिया.

 फिर मैने उस से कहा तुम को कुछ केरना ही है तो आराम से करो. मुझे हर्ट तो मत करो. उस ने डरते डरते पूछा क्या आपको अच्छा लगा. मैने कहा हाँ. फिर क्या था. उस का डर निकल गिया मैं सीधी हो गई और अपनी लेग्स पूरी खूल दें. उसको पकर कर अपने ऊपेर लिटा लिया और उसका लंड पकर कर अपनी चूत पे रख लिया और उसकी कमर को पकर कर अपनी तरफ खींचा. उस दिन हम ने ऐसे चुदा की अब तो वो एक्सपर्ट हो गिया है. मैं अब रात को डोर लॉक नहीं करती. माँ जब टॅबलेट खा कर सो जाती हैं और डैड अफीशियल टूर पे गये होते हैं तो वो रात को आता है और सुबह तक मेरे रूम मैं होता है. कामसुत्रा का हर स्टाइल हम ने आज़मा लिया अब तक. डॉगी स्टाइल, ऊपेर से, नीचे से, आगे से, पीछे से, खरे हो के, उस के लंड पेर बैठ कर,

 हम ने सारी कामसुत्रा आज़मा ली. मैने उसका लंड मौंह मैं ले कर खूब चूसा भी है. उसका जूस भी पिया है. उस ने मेरे बूब्स ऐसे चूसे हैं जैसे छोटा बच्चा. मेरी चूत को भी खूब चूसा है. आंजी से भी बहुत अच्छा. आंजी से ज़्यादा मुझे उस के साथ मज़ा आता है. उस ने ऐक बार मेरी गाँर मैं भी घुसाया है मगर मुझे गाँर मैं कोई मज़ा नहीं आया बल्कि चूत से ज़्यादा दर्द हुआ. मैने उस को माना कर दिया की अब यहाँ नहीं. पता नहीं लोगों को गाँर मैं क्या मज़ा आता है. मुझे तो नहीं आया.

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