टेंशन दूर करने की उपाए मिलगई,देसी सेक्स स्टोरी
मैं दिन भर घर में अकेली होती हूँ। बस घर का काम करती रहती हूँ, मेरा दिल तो यूँ तो पाक-साफ़ रहता है, मेरे दिल में भी कोई बुरे विचार नहीं आते। मेरे पति प्रातः नौ बजे कार्यालय चले जाते हैं फिर संध्या को छः बजे तक लौटते हैं। स्वभाव से मैं बहुत डरपोक और शर्मीली हूँ, थोड़ी थोड़ी बात पर घबरा जाती हूँ। मेरे पड़ोस में रहने वाला लड़का आलोक अक्सर मुझे घूरता रहता था। यूँ तो वो उमर में मुझसे काफ़ी छोटा है, कोई 18-19 साल का रहा होगा और मैं 25 साल की भरपूर जवान स्त्री थी। फिर मन तो चंचल होता ही है ! उसका यूँ घूरना मेरे मन में आनन्द की लहर भी उठा देता था और फिर मैं डर भी जाती थी।
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