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Thursday, April 16, 2015

दो लन्डों की बात सुनकर मेरी चूत और गाण्ड दोनों ही फड़क उठी

इन सबकी ही मेहरबानी थी कि अब मेरी नजर हमेशा मोटे लण्ड की तलाश में रहती थी। अगर गलती से किसी पतले लण्ड वाले पर नजर चली भी जाती तो वो नामर्द लगता था मुझे।
यह कहानी तब की है जब मैं अपने मायके जोधपुर गई हुई थी। मेरा जीजा और उसके मामा का लड़का विक्की भी उस दिन जोधपुर में आये हुए थे। मुझे जोधपुर जाने से पहले उनके आने का पता नहीं था।
जोधपुर पहुँच कर जैसे ही अपने घर पहुँची तो दरवाजे पर ही जीजा के दर्शन हो गए। जीजा को देखते ही मेरी तो बांछें खिल उठी थी। जीजा का हाल भी कुछ कुछ ऐसा ही था।
तभी मेरी माँ आ गई और मैं उसके साथ अंदर चली गई। अंदर अपनी माँ से बात करने पर पता लगा कि जीजा के मामा के लड़के का जोधपुर में इंटरव्यू है और वो तीन दिन यहाँ रुकेंगे।
तीन दिन का नाम सुनकर तो मेरी चूत में गुदगुदी होने लगी। वैसे भी जीजा से चुदवाए बहुत दिन हो गए थे। पर घर में सभी लोगों के रहते मौका कैसे मिलेगा चुदवाने का। बस यही बात मेरे दिमाग में घूम रही थी।


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